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शक्र (पालि में : सक्क), बौद्ध ब्रह्माण्डशास्त्र के अनुसार तैंतीसवें स्वर्ग (त्रयत्रिंश स्वर्ग) के राजा है। उन्हें 'शक्रो देवानां इन्द्रः' (शक्र, देवताओं का राजा) भी कहा जाता है। ऋग्वेद में 'शक्र' शब्दा कई बार इन्द्र के विशेषण के रूप में आया है, और इसका अर्थ 'शक्तिशाली' होता है।